۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
इत्रे क़ुरआन

हौज़ा / यहूदियों और ईसाइयों में इब्राहीम धर्म को लेकर विवाद है। ईसाई हज़रत इब्राहिम (अ) को ईसाई मानते थे और यहूदियों को यहूदी। तौरात और इंजील (बाइबिल) इब्राहीम (अ) के बाद नाज़िल हुई थी।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

بسم الله الرحـــمن الرحــــیم    बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम
يَا أَهْلَ الْكِتَابِ لِمَ تُحَاجُّونَ فِي إِبْرَاهِيمَ وَمَا أُنزِلَتِ التَّوْرَاةُ وَالْإِنجِيلُ إِلَّا مِن بَعْدِهِ ۚ أَفَلَا تَعْقِلُونَ  या अहलल किताबे लेमा तोहाज्जूना फ़ी इब्राहीमा वमा अंज़लतित तौरातो वल इंजीलो इल्ला मिन बाअदेहि अफ़ला ताअक़ैलूना (आले-इमारन, 65)

अनुवाद: ऐ अहले किताब! आप इब्राहीम के बारे में (हमसे) बहस क्यों करते हैं? भले ही तौरात और इंजील उनके बाद नाज़िल हुई, क्या आपके पास पर्याप्त ज्ञान नहीं है?

क़ुरआन की तफ़सीर:

1️⃣ इब्राहीम धर्म को लेकर यहूदियों और ईसाइयों के बीच विवाद।
2️⃣ हजरत इब्राहिम (अ) को ईसाई ईसाई मानते थे और यहूदी उन्हें यहूदी मानते थे।
3️⃣ हज़रत इब्राहिम (अ) के बाद तौरात और इंजील का रहस्योद्घाटन।
4️⃣ अनावश्यक तर्क-वितर्क से चिंतन वर्जित है।
5️⃣ बुद्धि पहचान के साधनों में से एक है और तर्क वास्तविकता तक पहुंचने का सबसे अच्छा तरीका है।


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तफ़सीर राहनुमा, सूर ए आले-इमरान

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